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Saphala Ekadashi: जानिए सफला एकादशी का शुभ मुहूर्त, कथा और व्रत के फायदे
सफला एकादशी की कहानी, शुभ मुहूर्त, पूजा सामिग्री और व्रत के लाभ
इस एकादशी का महत्व और इस दिन किस देवता की पूजा, शुभ मुहूर्त, कथा और व्रत के 5 फायदे सारी जानकारी यहां मिलेगी।
पौष मास के कृष्ण पक्ष की सफला एकादशी अपने नाम की तरह ही हर कार्य को सफल बनाने वाली मानी जाती है।
Mokshada Ekadashi: मोक्षदा एकादशी का व्रत करने से मिलती है पितरों की मुक्ति, जानिए...
एकादशी मार्गशीर्ष शुक्ल ग्यारस के दिन मोक्षदायिनी एकादशी के रूप में मनाई जाती है।
मोक्षदा एकादशी मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी तिथि प्रारंभ, सोमवार 13 दिसम्बर 2021 और मंगलवार, 14 दिसंबर को रात 9.32 बजे घटित होगा, एकादशी तिथि 2021 को रात 11.35 बजे समाप्त होगी।
महत्व-
इस बार मोक्षदा एकादशी मंगलवार, 14 दिसंबर 2021 को है। यह एकादशी मार्गशीर्ष शुक्ल ग्यारस के दिन मोक्षदायिनी एकादशी के रूप में मनाई जाती है। इस तिथि को एकादशी के नाम से भी जाना जाता है, जो पितरों को मोक्ष दिलाती है।
Christmas day: जानिए Gifts देने बाले सांता क्लॉज कौन है, 25 दिसम्बर का इतिहास
25 दिसम्बर, Christmas day पर Gifts देने बाले सांता क्लॉज का इतिहास
Who is Santa Claus in Hindi | Christmas day History, Story, Kaun hai, Photos, Videos)
Santa Claus के बारे में हम यही सुनते थे कि सांता क्लॉज़ आएंगे और हमारे लिए बहुत सारे Gifts लेकर आएंगे। कुछ बच्चों को Gifts मिला भी करते थे क्योंकि उनके Parents सैंटा क्लॉज़ बनकर उन्हें Gifts दे दिया करते थे।
[Chhath Puja*] जानिऐ छठ पूजा का इतिहास, ऐसे शुरु हुई सूर्य और छठी मैया...
ऐसे मनाया जाता है छठ पूजा का त्योहार, जानिए नहाए-खाए से लेकर सूर्य अर्घ्य तक का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, व्रत नियम की जानकारी
Chhath Puja in India: Vrat Katha Kahani Story Puja Vidhi in hindi
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हिन्दू धर्म में सूरज तथा चंद्र की गतियों पर based fast व्रत और त्योहार festival को मनाए जाते हैं। प्राचीन समय के समय में सौरमास का ज्यादा महत्व था लेकिन परंपरा से बाद में चंद्र पर आधारित व्रतों का महत्व बढ़ गया। सूर्य पर आधारित व्रत और त्योहार में संक्रांति और छठ पूजा का ज्यादा चलन है।
छठ पूजा का इतिहास | History of Chhath pooja in hindi
Bhai Dooj 2021: जानिए भाई दूज के बारे मे ये महत्वपूर्ण जानकारी, Click here
भाई-दूज या भैया दूज को भाई टीका, यम द्वितीया, भ्रातृ द्वितीया आदि भी कहा जाता है।
पंचांग के अनुसार, भाईदूज का पर्व कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है।
Deepawali हिन्दुओं का सबसे बड़ा त्योहार है और 5 दिन के त्योहार में पांचवे दिन मनाया जाता है, भाई दूज का पर्व। Bhai Dooj को यम द्वितीया भी कहा जाता है।
भाई दूज का Festival भाई-बहन के रिश्ते पर आधारित पर्व है, जिसे बड़ी श्रद्धा और प्रेम के साथ मनाया जाता है। रक्षाबंधन के बाद, भाईदूज ऐसा दूसरा त्योहार है, जो भाई बहन के अगाध प्रेम को समर्पित है।
ऐसे मनाते है भाईदूज का त्योहार-