दूसरों के घर जाने पर क्या करना क्या नहीं करना चाहिए, बच्चों को सिखाएं ये आदतें
अगर आप अपने बच्चे को किसी और के घर भेजते हैं तो उस दौरान उन्हें कुछ ऐसा सिखाएं कि वे वहां पूरे अनुशासन और शिष्टता के साथ रहें।
बिना बताए बाहर मत जाना | don’t go out without telling
माता-पिता को सिखाया जाना चाहिए कि जब भी वे घर से बाहर जाएं तो किसी बड़े को बताना चाहिए। अक्सर माता-पिता अपने बच्चे को टहलने या घर के आसपास कुछ खरीदने या दुकान के लिए बाहर ले जाते हैं।
ऐसे में बच्चों को घर के आसपास का रास्ता याद आ जाता है। लेकिन जब वे दूसरे के घर जाते हैं, तो उन्हें वहां के रास्ते या गली के बारे में पता नहीं होता है। ऐसे में अगर वे बिना बताए बाहर जाते हैं तो गुम होने का डर रहता है।
किसी चीज की जिद नहीं करते | Don’t aspire to anything
अपने बच्चों को किसी के घर जाकर किसी चीज की जिद न करना सिखाएं और चुपचाप बड़ों की बात मानें। ऐसा करने से न सिर्फ आपको प्यार की प्राप्ति होगी, बल्कि माता-पिता का सिर भी फक्र से ऊंचा रहेगा।
बिना पूछे किसी का कोई सामान मत छुओ
Do not touch someone’s belongings without asking
अगर माता-पिता अपने बच्चे को किसी और के घर भेज रहे हैं तो सबसे पहले उसे समझाएं कि किसी भी चीज को छूने से पहले बड़ों से पूछना जरूरी है, बिना मांगे कुछ भी छूना गलत आदतों में से एक है।
“बच्चे अक्सर अपने घर में किसी भी सामान को छूने से पहले माता-पिता से नहीं पूछते। दूसरे के घर जाकर भी ये आदत नहीं भूलते।”
जल्दी और तेज आवाज में बात मत करो | don’t talk fast and loud
दूसरे के घर भेजने से पहले बच्चों को समझाएं कि किसी के घर न जाएं और जोर-जोर से बात करें। जितना हो सके सुनने की कोशिश करें। बच्चे अपने घर में जोर-जोर से बात करते या चिल्लाते रहते हैं और माता-पिता उनकी बेगुनाही समझकर उन्हें रोकते भी नहीं हैं।
लेकिन यह आदत आगे चलकर उनके लिए घातक हो सकती है। ऐसे में अगर आपके बच्चों को चीखने-चिल्लाने की आदत है तो उन्हें ऐसा करनें से मना करें।
ताका-झांकी करने से रोके | Stop staring here and there
माता-पिता की जिम्मेदारी है कि वे अपने बच्चों को समझाएं कि अगर आपको कोई चीज पसंद है तो सीधे बड़ों से इसके बारे में पूछें और घूरने की आदत से छुटकारा पाने के लिए अपनी नजर सिर्फ एक ही जगह पर लगाएं।
जो मिलता है वही खाओ | Eat What You Get
अपने बच्चे को समझाएं कि वहां जो भी मिले उसे चुपचाप खा लें. बच्चों को जिद करने की आदत बदलें। वहीं अगर उनका कुछ अच्छा खाने का मन होगा तो वे अपनें घर पर ही उनके लिए कुछ अच्छा बना देंगे।
किसी की बात में बाधा डालने से रोके | To interrupt someone’s talk
जब भी बच्चों को दूसरे के घर भेजा जाए तो उन्हें समझाएं कि दूसरे व्यक्ति की पूरी बात खत्म होने के बाद ही अपनी बात रखें।
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बडों का सम्मान करना | Respect elders
अपनें से बडों का सम्मान करना, उनकी बात मानना और बडों से बहस न करना आदि भी सिखाना चाहिऐ।