नकली जीरे का कारोबार उत्तर प्रदेश से लेकर दिल्ली, गुजरात व राजस्थान आदि राज्यों में जोरों से, यह पानी में डालते ही रंग छोड़ने लगता है। नकली जीरा पहचाना मुश्किल होता है।
पुलिस ने फैक्ट्री से लगभग 19,000 किलो नकली जीरा, 5000 किलो स्टोन पाउडर, 1600 किलो फूल झाड़ू (घास) और 1200 किलो गुड़ का शीरा बरामद किया है।
जीरे के नकली माल का कारोबार उत्तर प्रदेश से लेकर दिल्ली, गुजरात व राजस्थान आदि राज्यों में जोरों से हो रहा है। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर का जलालाबाद इसका मुख्य केंद्र है।
यहीं पर नकली जीरा तैयार कर उत्पादक राज्यों गुजरात और राजस्थान भेजा जाता है। इसकी फैक्ट्री दिल्ली में भी है। बवाना में एक ऐसी ही फैक्ट्री पकडी गई है, जिसमें नकली जीरा तैयार होता था। दिल्ली पुलिस ने फैक्ट्री से लगभग 19,000 किलो नकली जीरा, 5000 किलो स्टोन पाउडर, 1600 किलो फूल झाड़ू (घास) और 1200 किलो गुड़ का शीरा बरामद किया है।
80 फीसद नकली जीरे को 20 फीसद असली जीरे में मिलाया जाता है। यह सामान उत्तर प्रदेश और राजस्थान से मंगाया जाता है। रंग और गंध भी मिलाया जाता है, इसलिए नकली जीरा पहचाना मुश्किल होता है। और ये बाजार में चल रहा है।
ऐसे करें नकली जीरे की पहचान
अगर आप नकली जीरे की पहचान करना है। तो यह पानी में डालते ही रंग छोड़ने लगता है। इसके साथ ही यह गलने भी लगता है। यह पानी के सतह पर भी आ जाता है।
ऐसे बनता है नकली जीरा
इसे जंगली घास, गुड़ और पत्थर के पाउडर से बनाया जाता है। जंगली घास नदियों के किनारे उगती है, इसमें जीरे के आकार की छोटी-छोटी पत्तियां चिपकी होती है। इस घास को फूल झाड़ू में भी इस्तेमाल किया जाता है। इसे झाड़कर फिर गुड़ को गर्म कर उसका शीरा बनाकर उसमें वहीं दाने डाल दिए जाते हैं।
Fake jeera (Cumin): Delhi Police Raided A Fake Cumin Seed Factory
दोनों को मिलाने के बाद उसे बाहर निकाल कर सुखाया जाता है। और पत्थर का पाउडर मिलाया जाता है। लोहे की बड़ी छलनी ली जाती है। मिश्रण को छलनी से छाना जाता है। जिसमें से नकली जीरा निकलता है।
जीरे जैसा रंग आ जाए इसके लिए पत्थरों का पाउडर मिलाया जाता है। सामान्य जीरे की तरह इसमें किसी तरह की खुशबू नहीं होती, इसलिए इसमें जीरे के गंध भी मिलाकर फिर असली जीरे में मिला दिया जाता है। और बाजार में बेच दिया जाता है।
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नकली जीरा बन सकता है कैंसर का कारण
नकली घास, गुड़ की शीर व स्टोन पाउडर से बनने वाला जीरा सेहत के लिए खतरनाक है। डॉ. केके अग्रवाल ने कहना है कि नकली जीरा खाने से भविष्य में कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में यदि आपकी रसोई तक नकली जीरा पहुंच रहा है, तो आपको जीरे को लेकर थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है। जिससे आपकी सेहत पर इसका नकारात्मक प्रभाव न पड़े। और आप बीमारियों से दूर रहे।
जितनी भी मिलावटी चीजें होती हैं यदि उनका सेवन अधिक समय तक किया जाए, तो इससे कैंसर होने की आशंका होती है। ऐसे में लोगों को यह ध्यान रखने की जरूरत है कि जो जीरा उनके घर में आ रहा है, वह सही जीरा है या फिर उनकी सेहत से खिलवाड़ करने वाला हानिकारक जीरा उन तक पहुंच गया है। तो इसे तुरन्त फेक दें।
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Posted by: Lokesh Yadav
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